दिनभर में कभी भी, सुबह या शाम को थोड़ा समय ऐसा होना चाहिए, जब आप सिर्फ अपने लिए ही विचार करें। थोड़ा मेडिटेशन करें और अपने आप से पूछिए कि-
1. आप का लक्ष्य क्या था और कितना पूरा कर पाए...
2. परिवार और खुद के लिए आप कितने ईमानदार हैं...
3. अपका जो स्वभाव था, उसमें ही रहें। संगीत, चित्रकारी या और कोई रचनात्मक कार्य जिसमें आपकी रुचि हो, वह करें।
ऐसा करने पर होंगे ये फायदे
ये निजी समय आपको नए लक्ष्यों को पूरा करने के लिए रिचार्ज करेगा और आपको बताएगा कि आप कहां, किस दिशा में बढ़ रहे हैं। यहां जानिए महाभारत में अर्जुन ने कैसे निजी समय का श्रेष्ठ उपयोग किया...
महाभारत में अर्जुन ने एक बार द्रौपदी और युधिष्ठिर का निजत्व भंग किया। इसका दंड था एक वर्ष का वनवास। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि इस वनवास के समय को खुद के लिए उपयोग करो। वन में संतों से मिलो।
ज्ञान अर्जित करो। तीर्थ यात्रा करो और तप करो। पूरी तरह अपने लिए इस समय का उपयोग करो। इसी समय में अर्जुन ने कई तीर्थ किए। खुद के लिए तप करके कई शस्त्र भी अर्जित किए। जो बाद में कुरूक्षेत्र के मैदान में काम आए।
हम भी अपने आप को थोड़ा वनवास दें। हमेशा भीड़ से भी घिरे ना रहें। खुद के पास रहे, खुद के साथ रहें और अपने आप से मिलने की कोशिश करें।
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